Wednesday, October 19, 2011

मै चिराग के जैसे जलती हु

मै चिराग के जैसे जलती हु
अंधेरे से डरती हु
आशा की लौं है हरदम रोशन
ख्वाबो की दुनिया में रहती हु
हकीकत से अंजन नहीं मै
हवाओ के संग चलती हु'
असमान से बाते करती हु
फूलो से रंग बटोरती हु
खिलती हु कलिओ की भांति
चंदासी शीतल है बाते
महकती हु मै चहकती हु
मै ROSHNI हु
रोशन हर पल रहती हु........

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