केहते है जिंदगी खुबसुरत है
दर्द भी जिंदगी के खूब है
जजबात राखे है चाहत के
और चाहत भी दर्द काही एक रूप है!
वोह नाही चाहते हमे तो
कोई शिकवा नही
हम तो ठेहेरे पल दो पल के साथी
बस जिंदगी के एहसान तले मजबूर है........!
दर्द ही राहो में अब
खुशिया हमारी नाही
भूलकर आप छोड गये ये दुनिया हमसे पहले
तो बस एक आवाज देना
वैसेभी ये जिंदगी अब हमे प्यारी नही...
ये साली जिंदगी अजीब होती है
अपने होते अहि पराये,
गैरोसे यहा उम्मीद मिलती है
और लीपटे है इनसे भी गमो के साये...
जिंदगी खुशियो से भरी
और गम के अंधेरे तौफे में मिलते है,
चाहो दिल से किसी को तो
नफरत से भी मोहोब्बत होती है...
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